हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, निम्नलिखित रिवायत “अल-ग़ैबा” किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیہ السلام:
لَو أدرَكتُهُ لَخَدَمتُهُ أيّامَ حَياتي
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने फ़रमाया:
अगर मैं उन्हें (हज़रत वली-ए-असर (अ.) को दरक करता, तो मैं अपनी ज़िंदगी भर उनकी सेवा करता।
अल-ग़ैबा, नौमानी, पेज 245
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